चाँद सूरज पर जाने को इंसान छलांग लगा रहा है
देखो कैसे उसका अन्तरिक्ष यान मंगल गृह जा रहा है
अपनी घर में तो सेंध लगा ही ली,
अब और कुछ सत्यानाश करने का विचार बना रहा है
खुद को तो जीत न पाया कभी
अब आकाशगंगा को हराने की जुगत लड़ा रहा है
धरती पर ठीक से न चल पाने वाला
देखो कैसे कुदरत को दोड़ना सिखा रहा है
अपनी ही तकनीक के औजारों से
देखो मूर्ख कैसे अपनी ही कबर बना रहा है
देखो कैसे बन्दर इतरा कर छलांग लगा रहा है
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