सुबह शाम टीवी पर किसी के मर जाने की खबर आ रही थी
लालता प्रसाद की जोरू रो रो कर हाहाकार मचा रही थी
" अरे माइकल जैक्सनवा मर गवा, हमार जैक्सनवा मर गवा"
का घोष लगा विलाप के सुर में गा रही थी
लालता प्रसाद के होश गुल थे, उसके पास २० रुपये कुल थे
"ई ससुर माई का लाल जैकिसनवा कौन बा, लागत है मेहरारू का भाई बा"
बस आव देखा न ताव, लालता प्रसाद ने दौड़ लगाई
बनिए की दूकान के आगे अपनी सरपट को लगाम लगाई
" बाबूजी हमार साला मर गवा, हमऊ का थोडा उधार चाही"
"टीवी माँ खबर फैली बा, माई का लाल जय किसन अब जिन्दा नाही"
ये सुन बनिए का सर चकराया, उसके समझ में एक विचार आया
झट फ़ोन कर उसने टीवी चैनल के संवाददाता को बुलवाया
भारी भरकम कैमरे लिए टीवी चैनल का हुजूम दौड़ा चला आया
लालता प्रसाद के साक्षात्कार लेने वालों की लाइन लग गई
"माइकल जैक्सन का भारतीय जीजा" की हेडलाइन अखबारों में छप गई
लालता प्रसाद की जोरू के तेवर देखने लायक थे
उसके आगे तो आज सारे नालायक थे
वो कोठी की मेमसाब की फटी साडी पहन चुलबुला रही थी
हर सवाल के जवाब में " जस्ट बीट ईट " गा रही थी
पूरे देश में लालता प्रसाद रातों रात मशहूर हो गया
उसका आल इंडिया टूर किसी चैनल और प्रायोजक से अप्रूव हो गया
वाह री चैनल पच्चीसी की माया,
एक का नहीं तूने तो करोडो का बेवकूफ बनाया
ऐसे ही ये सब बेवकूफ बनते रहेंगे,
अभी कई मौतें हैं और आयेंगी ऐसी
जिसमे कई लालता प्रसाद बनते बिगड़ते रहेंगे
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