Paddy Deol
Sunday, August 9, 2009
इन्कलाब
इन्कलाब ऐसे नहीं आयेगा
थोडा खून दो, थोडा पसीना
कुछ विचार दो, कुछ आकार दो
सूरज से धक्कामुक्की करो
और ज्वालामुखी जमा दो
कुछ रास्ते छोटे करो
कुछ पंख बड़े करो
परिवर्तन में परिवर्तन करो
क्यूंकि इंक़लाब ऐसे नहीं आयेगा
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