Saturday, April 16, 2011

मेरी अपनी रची कुछ सूक्तियां

जिस देश के बुद्धिजीवियों की रातों की नींद उड़ जाती है और उस नींद के उडने का किसी महबूबा से दूर दूर तलक का कोई रिश्ता नहीं होता, तो समझो उस देश में कोई भारी बदलाव आने वाला

समाज की फितरत है कि वो तब तक अपने वस्त्र नहीं बदलता जब तक की उनमें से दुर्गन्ध ना आने लगे, अब ये आप पर निर्भर है कि आप समाज का अनुसरण करें या अपने वस्त्र रोज बदलें

अगर किसी समस्या का समाधान न निकल रहा हो, तो पहले उसका विकल्प ढूँढो, और अगर वो भी न मिले तो उसका उत्पादन कर डालो

गुस्ताखी बार बार करे जाने पर अपमान का रूप धारण कर लेती है जबकि क्षमा एक पूजा का

प्यार एक वो शब्द है जिसे सदियों से अपना मतलब साधने के वास्ते बखूबी इस्तेमाल किया गया है और इस्तेमाल किया जाता रहेगा

मां की गोद में हज़ारों कुबेरों , सैकड़ों च्यवन ऋषियों, करोड़ों परियों और असंख्य देवी देवताओं का वास होता है

सच्चा प्रेम लौट कर वापस आता है और अगर नहीं लौटा तो समझो जाट आन्दोलन की वजह से कहीं अटक गया है

इस दुनिया में मूर्ख भी उतने ही विशेष हैं जितने की बुद्धिमान और इन दोनों की लड़ाई का सबसे बड़ा फायदा अपने ही फायदे की सोचने वाला घाघ चतुर उठाता है

अगर आपको देख लोग रहस्यमय ढंग से मुस्कुरा रहे हैं तो इसका मतलब ये हुआ कि या तो वो जान गए हैं कि आप शादी शुदा हैं और या फिर आपकी पतलून की चैन खुली है

तरक्की की चढ़ाई चढते हुए हर एक को सलाम करते चलो, वरना जिस दिन भी आप वापस नीचे आओगे वही लोग अपने हाथों में कटार लिए आपका स्वागत करने को तैयार खडे मिलेंगे

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक बेवक़ूफ़ बनाने वाले और दूसरे बनने वाले और इन्ही दो तरह के व्यक्तियों पर सम्पूर्ण अर्थव्यवथा टिकी हुई है

सही या गलत का आभास करना एक ऐसी कला है जिसे सीखने के लिए कई खून के घूँट और कई पटियाले पेग पीने पड़ते हैं

एक वीभत्स अंत के पश्चात ही उद्देश्यजनक आरंभ की शुरुआत होती है

अगर आप मन से सच्चे हैं तो आप बच्चे हैं, वरना आप कच्छे के कच्चे हैं

अंत में पुरुष को प्रेम के असली मायने एक बूढी पत्नी और एक पालतू कुत्ता ही सिखलाता है

सच एक औरत की तरह होता है जोकि श्रृंगार की झूठी पर्त ओढ़ मर्द को रिझाती है, परन्तु बरसात पड़ते ही भूतनी बन बगलें झाँकने लगती है

एक बेवफा औरत कई ग़ज़लों को जनम देती है व शराब माफिया की देवी बन जाती है

जिसने आपका बुरा किया उसे भगवान् भरोसे छोड़ दो क्यूंकि भगवान् सजा देने में आपसे ज्यादा काबिल है

बंदरिया का लाल पिछवाड़ा शायद श्रृंगार नहीं अपितु कुपित बन्दर के क्रोध की एक छाप है

होड़ में बहुत दौडते हैं, पर कितने हैं जिनके पीछे होड़ दौड़ती है

जब तक जीवन ख़त्म नहीं होता, कोई भी चीज़ आखिरी नहीं

प्रजा का मूक होना ये दर्शाता है कि वो प्रजा नहीं अपितु दास है

जितना आसान प्रश्न होगा उतना ही मुश्किल होगा उसका उत्तर

अगर आपके अथक प्रयास के बावजूद कोई मूर्ख गहरे गड्ढे से बाहर नहीं आना चाहता हो, तो उसे गड्ढा और गहरा करने को एक फावड़ा देकर आगे बढ़ जाना चाहिए

एक चुम्बन दो आत्माओं का भोज होता है, उसे स्वादिष्ट परोसिये

एक वादा पीढ़ियों का भविष्य तय करता है, सोच समझ कर कीजिये,

जिस दिन "ना" कहना सीख जाओगे उसी दिन से दुनिया "हाँ " कहना सीख जाएगी

सूरज की तरह सब चमकना चाहते हैं, पर कितने हैं जो उसकी तरह जलना चाहते हैं

आसमान में ऊँची उड़ान भरने वाला हर परिंदा थक हार कर डाल पर ही सुसताता है

एक अच्छे संगीतकार के संगीत पर मात्र पृथ्वीलोक ही नहीं अपितु समस्त ब्रह्माण्ड थिरकता है

एक छेह फुटी चारपाई और कुछ फुटी मां के समक्ष सारे इंसानी दिग्गज बौने पड़ जाते हैं-

एक दूरदर्शी कंगाल के समक्ष हजारों चतुर अरबपति कंगाल होते है

मरुस्थल में दूब उगाने वालों को अपने ही मूत्र से उसकी सिंचाई करनी पड़ती है

सड़क के किनारे बैठे भिखारी को घृणा से मत देखो, वो पूर्व जन्म का राजा है जो अपने बुरे कर्मों का फल भुगत रहा है

सुना है पृथ्वी एक मंच है, अगर ये सच है तो अपना किरदार बखूबी निभाइए क्यूंकि तमाम कायनात की नज़र आप पर है

बच्चों की किलकारी सुन हर मां बाप की उम्र बढ़ जाती है

मेहनतकश के माथे के पसीने में लाखों इत्रों की खुशबुओं का निचोड़ होता हैं

प्रेम एक अपवायु के समान है, जब आता है तो बहुत सुख देता है परन्तु जाते वक्त हमारी नाक भों सिकुड्वा देता है

करे कोई भरे कोई की असीम पीढ़ा उस मक्खी से अधिक कोई नहीं जान सकता जोकी रजस्वला महिला के फ़ालतू और कुपित पति के हाथों बेकार में मार डाली जाती है

मानव ही ऐसा इकलौता जंतु है जो प्रकृति के बनाये नियमों का अनुसरण नहीं करता और समस्त संसाधनों को जुटाने के बावजूद सबसे ज्यादा त्रस्त रहता है

वासना जब अर्धनग्न हो स्नान करती है तो विद्वता और अनुभव के पसीने छूट जाते हैं

बिल्ली से अपनी जान बचा भागते चूहे और एक रंडुए में कोई ख़ास अंतर नहीं होता, दोनों ही किसी भी निकटतम छेद में तुरंत घुस जाते

बुड्ढे की दी हुई सीख, दरिद्र को दी गई भीख और पीलिये में चूसी गई ईख हमेशा भला करती है

बेहया औरत, नामर्द और राजनैतिक नेता से अधिक सभ्रांत एक कुकुर होता है

मर्द के दिल का रास्ता उसके पेट से होकर गुजरने से पहले उसकी टांगो के बीच से यू टर्न मार कर ही पेट की और जाता है

अपनी मंजिल पाने के लिए बार बार कपडे उतारने पेहेनने वाले लोग मंजिल पाने से पहले ही एकदम नंगे हो जाते हैं क्यूंकि मंजिलों को पसीना रास आता है, इत्र नहीं

भागते भूत की लंगोटी से गुजारा करने वालों को नंगा भूत बार बार धमाचोकड़ी मचा परेशान करता है

अच्छे रिश्ते बनाने का फायदा ये है कि अगर आपका झगडा भी होगा तो कुछ देर बाद झगडा स्वयं ही घुटने टेक देगा, जबकि बुरे रिश्तों के झगडे आपको ही घुटने टिकवा देंगे

मंजिलों की फितरत है कि जब वो देखती है कि कोई उनसे मिलने इतना लम्बा सफ़र तय कर के थका मांदा आ रहा है, वे तुरंत उनको आगोश में भरने के लिए उनकी तरफ दौड़ पड़ती हैं