Sunday, September 27, 2009

दशहरा

रावण राम जलाये रे भैया , जनता शोर मचाये
रामलीला का हनुमान उछलेकूदे, सब पर गदा घुमाये
कोई तीर कमान लगाये
कोई तलवार तानता आये
कोई बापू जी की गोदी से बैठा हुंकार लगाये
चाट पकोड़ी धमाचोकडी डम डम बाजे गायें
कहीं भागता बन्दर तो कहीं मच्छर तान सुनाये
राम जी की आई सवारी लक्ष्मण आँख दिखाए
काले पीले राक्षस देखो सरपट भागे जायें
पीछे पीछे वानर उनके घूंसे लात जमाएं
अभी फुंकेगा रावण भैया, चलो दशहरा मनाएं
रावण की अब लगेगी लंका चलो उत्पात मचाएं

Saturday, September 26, 2009

चिता की लकडी

छोटा सा बीज बोया था एक दिन
पहले पौधा बना फिर पेड़
आज सालों बाद उसे काट रहा हूँ
क्योंकि तेरी याद मुझे रोज जलाती रही
पर अब तो वो भी नहीं रही
इसलिए आज तो इस पेड़ को कटना ही होगा

Monday, September 21, 2009

मेरी अपनी रची कुछ जीवन की सूक्तियां -Part 4

जरा सोचो, ऊपर मरने जाने और नीचे जीते रहने के बीच, बस हमारी साँसे ही तो है!

जिस तरह फावडे का हर वार कुँवें को और गहरा बनाता है ठीक उसी तरह किस्मत का दिया हर घाव आपको एक बेहतर इंसान बनाता है

अगर ये धर्मगुरु और बाबा लोग सचमुच भगवान के दूत हैं तो ये धरती के बजाये स्वर्ग से राशन की खरीदारी क्यों नहीं करते ?

मैं तो तब मानू की कोई अमीर है जब वो चड्डी भी खालिस हीरे की बने पहने

ग्लेमर की दुनिया में बहुत से ऐसे व्यक्ति मिल जायेंगे जो शाम को तो क्लब में व्हिस्की पीते दिखाई देंगे और सुबह सब्जी मंडी में भाजी तरकारी खरीदते

कई बार लम्बी कार वाला चोकलेटी नहीं बल्कि वो मोटरसाईकिल वाला कल्लू बाजी मार ले जाता है, क्यूंकि इश्क दी गली विच नो एंट्री

इतना भी ऊपर मत उठो की लोग आपसे नज़रें न मिला पाएं, इतना भी नीचे न गिरो का आप किसी से नज़रें न मिला पाओ

मां बहिन और बूढी पत्नी के अलावा किसी महिला पर कभी विश्वास मत करना

हमें सारे बिल चोरों द्वारा ही भेजे गए लगते हैं

जब तक हम अपने ही अन्दर चल रहे युद्धों से नहीं जीतेंगे तो भला विश्व शांति कहाँ से लायेंगे?

सबसे पहले अपने घर को, फिर कालोनी को, फिर शहर को, फिर प्रदेश को समृद्ध करो, तभी जाकर देश समृद्ध कर पाओगे

जब घर जल रहा हो तो देश पर पानी छिड़क कर कुछ न होगा

हर कोई राजा बनने का ख्वाब तो देखता है पर सर पर मुनीम लिए बैठता है

एक तो मैं करेला ऊपर से नीमचढा, एक तो मैं शाकाहारी ऊपर से अकेला, मसलन दोनों ही प्रकार के मांस के नियमित सेवन से बिलकुल वंचित. घोर अन्याय प्रभु.

बारिश के मौसम की पीडा एक मेंडक और कुंवारे के अलावा कोई नहीं समझ सकता

शादी से पहली मिली वो शर्मो हया की मूरत शादी के बाद त्रिजटा सी क्यूँ हो जाती है?

वातानुकूलित वातावरण में बैठ कर जो युद्घ की योजनायें बनाते हैं, उनको बाहर आते ही लू लग जाती है

एक पिल्ला भी हमेशा पुचकारने वाले के आगे ही दुम हिलाता है-

पत्नी के नाखून उतने ही लम्बे होने चाहियें जितनी की मोटी आपकी खाल.

लडकियां लम्बे लड़कों को क्यूँ पसंद करती हैं? बकरा जितना बड़ा हो अच्छा ही है न

मेरी सासू माँ खाने की खरीदारी खुद करतीं हैं? जहर में मिलावट से उन्हे सख्त चिड है

मेरी पत्नी ने कल जहर खा लिया था. अभी तक बेचारा इमरजैंसी वार्ड नें भरती है

मेरी धरमपत्नी इतनी कंजूस है की मुझे चपाती की सब्जी खिलाती है.

महिलाओं का थप्पड़ जहाँ ख़तम होता है, पुरुषों का पूशार्थ वहीँ से शुरू होता है

किसी को अपने से दूर मत जाने दो, वो बहुत जल्द आपके बिना रहने का अभ्यस्त हो जायेगा

पूर्णतावादी. वो व्यक्ति जो सुबह अपने बिस्तर पर इस्त्री करता है

समाज उस औरत का नाम है जिससे आपके अवैध सम्बन्ध हैं

पकौडे और औरत बरसातों में बहुत भाते हैं

कई व्यक्ति सड़क पर चलते भी ऐसे हैं जैसे धरती पर एहसान कर रहे हों

नई बहु का घर में पाँव पड़ते ही उस घर की किस्मत तय हो जाती है.

घर में एक बुजुर्ग का होना ठीक वैसे है जैसे बरसात में आपके सर के ऊपर एक छत का होना

भगवान् तो बुल्लेट ही चलाता होगा और सारी देवियों की कारों के बम्पर उखडे होंगे

कुछ लोग इतने निराशावादी होते हैं की शादी से पहले ही तलाक का वकील कर लेते हैं

मन ही मन आपका ससुर आपको ढक्कन मानता है

ताज़ा जानकारी के अनुसार हिटलर ने खुद को गोली नहीं मारी थी, मुझे पहले ही पता था ये किसी सास का ही काम होगा

आशावादी चोर वो है जो पहले तो आपके घर चोरी करेगा और बाद में फ़ोन करके आपके चुराए गए खराब टीवी के लिए आपको गालियाँ सुनाएगा.

किसी पहाड़ पर चढाई करने से आपको अपनी औकात का पता लग जाता है

जरूरी नहीं की इतिहास सच हो, क्योंकि विजेता उसे अपनी सुविधा अनुसार बदल डालते हैं

बुद्धिमान इतिहास बदल डालते हैं, मुर्ख उसपर लड़ते हैं

बुद्धिमान युद्घ की रूपरेखा तैयार करता है, मूर्ख युद्घ में मर कर रूपरेखा ही बना रह जाता है

कई बार किसी की सोच बदलने को सालों इंतज़ार करना पड़ता है

आशावादी व्यक्ति वो है जो भूकंप को खुदा का कमर की चर्बी कम करने का उपाय मानता है

कल बम पटाखों की आवाजों के बीच कुछ पत्नियां उड़ गई होंगी तो आश्चर्य मत करना

कल पडोसी की पटाका बीवी के सामने तो कई एटम बम भी फ़ेल हो गए होंगे

हवा में उछली गेंद और महिला को लपकने के लिए सब तैयार रहते हैं

स्त्री एक पतंग होती है व पुरुष उसकी डोर, ये डोर टूटते ही सारी दुनिया उसे लपकने को भागती है

एक स्त्री व पुरुष की श्रेष्ठता उनके बच्चे ही तय करते हैं

भगवान् दुःख के टीके इसलिए लगाता है की आपके सुख चंगे हो जायें

गुलाब के फूलों की खपत देखें तो महिलाएं पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हैं

मन को हार मान लेने देना अपनी आत्मा का अपने ही सामने बलात्कार होते हुए देखने जैसा है

जीवन में जितने कम से जितना ज्यादा गुज़ारा करोगे उतने ही सुखी रहोगे

अपने बारे में उतना ही बोलो जितना जरूरी है क्यूंकि समझदार आपको पहचान जायेगा और मूर्ख को आप

बिना डोर की पतंग और खुली हुई भैंस, जहाँ जाती है लूटी ही जाती है

शेर की आवाज़ गधे सी होती तो हर चलता फिरता उसे छेड़ कर जाता

एक मेंडकी कई मेंडकऔं के ऊपर भरी होति है

शेर सा रूतबा गधा कभी नहीं बना सकता

हाथी जिसे अपनी मदमस्त चाल कहता है वही एक चींटी के लिए प्रलय है

झूठ को सच बनाने में कई शातिर दिमाग, खबर और विज्ञापन जगत, और सालों लगते हैं

कई बार जो खबर आपको दिखलाई जाती है वो आप ही को दिखलाने के वास्ते बनाईं जाती है

अगर कानून के सहारे चलोगे तो कुछ वक़्त बाद वो आपका सहारा लेकर चलना शुरू कर देगा

मेरी अपनी रची कुछ जीवन की सूक्तियां -Part 3

दिल और दिमाग की लड़ाई के बीच अक्सर एक औरत ही तम्बू गाडे मिलती है

किसी के फुकरेपन में किये गए एहसान उसकी संपन्नता आते ही भुला दिए जाते हैं

एक साडी लड़की को महिला बना देती है

औरत के खानदान का उसके पहनावे और मर्द के खानदान का उसकी शालीनता से पता चलता है

उधार मांग कर जीने वाले की उम्र बहुत लम्बी होती है

साडी की रचना जरूर एक रूमानी शख्स ने की होगी.

एक महिला जब आपकी और देख मुस्कुराती है उसका असली मतलब होता है "मूर्ख अभी भी समय है, संभल जा"

औरत एक वो चरित्र है जो पहले तो आपको एक ग्लास पानी देकर आपकी प्यास बुझायेगी और फिर आपको कुंवा खोदने को कहेगी

कोयल की मीठी आवाज़ के पीछे कौवे का दर्द होता है

बच्चों को अगर समझना है तो उन जैसे ही बन जाओ

20 साल 40 दोस्त,30 साल 20 दोस्त 40 साल 10 दोस्त 50 साल5 दोस्त 60 साल सिर्फ कन्धा देने को 4 दोस्त. वो चार दोस्त आज से ही कमाना शुरू कर दें

किसी के भी दिल में जगह बनाने से पहले वहां बहुत सारी साफ़ सफाई करनी पड़ती है

महिलाओं की यादाश्त भी अगर खो जाये तो भी वे होंठो पर लिपस्टिक लगाना नहीं भूलेंगी

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई- वो तो ठीक है पर वो मुआ पूजा वाला कमरा ही तो फसाद की जड़ है !

अगर भगवान् है, तो शर्तिया बुल्लेट ही चलाता होगा, पर सब देवियों की कारों में बहुत डेंट पड़े होंगे

शराब पीने और छोडने के बीच बहुत सारे सरदर्द होते हैं

कुछ लोगो की जबान इतनी लम्बी होती है की आप उसपर कार रेस आयोजित कर सकते हैं

आपके कथन से ही आपके चरित्र की रूपरेखा तैयार होती है- इसलिए जो बोलें, सोच विचार कर बोलें

हमेशा बड़ी विपदा का स्वागत करो- क्योंकि विपदा के आते ही सच और झूठ की पहचान भी आती है

जैसे प्यार के साथ समर्पण आता है वैसे ही विपदा के साथ कुछ नए रिश्ते भी आते हैं

गलती की सजा अवश्य दो पर उतनी ज्यादा नहीं जितनी छोटी गलती हो

कभी आंख मिला कर बात न करने वाले व्यक्ति पर विस्वास न करो

रोओ भी कुछ इस तरह की खुदा को भी तुमपर हंसी आ जाये

"भैया ................थाने तक जाना है जाना है" ये बोलकर ऑटो में बैठोगे तो शर्तिया बात, वो आपको सही भाडा बताएगा.

आपके इलाके का पानवाला भैय्या और नाई आपके चरित्र का पूरा हिसाब किताब रखता है. इनसे बना कर रखना.

गौर करना. बारिश के दौरान अक्सर लडकियां भीगना पसंद करती हैं

जिन नवदम्पतियों के जल्दी औलाद नहीं होती वे पड़ोसियों और रिश्तेदारों की गप्पों के प्रिय विषय होते हैं

कभी भी इतनी अच्छे न बनो की एक दिन खुद के लिए ही बुरे बन जाओ

"खाने से पहले अपने हाथ धो लें" आजादी के ६२ साल बाद भी हमारे रास्ट्रीय चैनल अगर ये दिखाते हैं तो सोचिये अभी कितना दूर जाना है

मेरे दिमाग और दिल की दूरी के बीच कई डाक्टरी कष्ट हैं.

जरूरी नहीं की आपकी प्रेमिका का पिता आपको इसलिए घूरे क्योंकि आप उसे नापसंद हो, हो सकता है आपकी जिप खुली हुई हो या फिर आपने लाल रंग के मोजे पहने हों.!!

हर जाने वाला मेरा एक हिस्सा तोड़ कर ले गया, आज होश में अपने को देखा तो पाया मैं तो किसी और की साँसों में हु दूर से अपने आपको देखा तो निढाल पाया, फिर गौर से देखा तो पाया की मेरा साया भी कोई तोड़ ले गया

पिछले 10 सालों की बातें याद करके लगता है हम कितने बड़े ढक्कन थे

एक मर्द की सिर्फ दो ही असली इच्छाएं होती हैं, भूख और प्यास. बाकी सब नौटंकी है

हौवा के सेब खाते ही खुदा को समझ में आ गया होगा की सॉफ्टवेर प्रोग्राम में वाइरस आ गया है

किसी काम को करना और समझना एक कला है, जो इसे समझता है वो ज्ञानी है, और जो नहीं वो एक सरकारी कर्मचारी है

राम और रहीम के बीच से अगर ये नेता नामक ढक्कन हट जाये तो ईद की सिवैयां बहुत मीठी लगेंगी

औरत प्रेम तो किसी बुद्धिमान पुरुष से ही करेगी पर शादी किसी ढक्कन से

काश शादियाँ डाउनलोड की जा सकती और पसंद न आने पर डिलीट भी

एक संस्कारी व्यक्ति की सबसे पहली पहचान है की वो महिलाओं को पूरा सम्मान देगा

अगर अपने आंसू नहीं छिपा सकते तो फोरन गोलगप्पे खाना शुरू कर दीजिये

अगर दोस्तों की सही पहचान करनी है तो उनसे तब उधार मांगो जब आपके पास पैसे हों

मेरी रची जीवन की कुछ और सूक्तियां -Part 2

१० मर्दों के बीच अगर एक महिला खड़ी हो जायेगी तो खुद बा खुद उनके काम करने की क्षमता बढ़ जायेगी

हर बाप को दूसरे बच्चे में अपना बच्चा नज़र आता है और हर दूसरे की बीवी में एक नई बीवी

अगर सेक्स को एक निहायत ही मनहूसियत से भरा विषय बनाना हो तो साथ में ऐड्स को घोल दो

मैने आज एक ६०-६५ साल के बूढे को एक १६-17 साल की लड़की को घूरते पाया, पर अजीब बात ये थी की उसकी आँखों में आशा की वो किरण थी जिसे देख लगता था की उसे पूरी उम्मीद थी की वो लड़की भी उसे उस ही भावना से ठीक वैसे ही घूरेगी. इसे कहते हैं जनाब सकारात्मक सोच. जीवन में मैने किसी के अन्दर इतना अति आत्मविश्वास कभी नहीं देखा

भगवान अगर है तो वो जरूर सरदार ही होगा, क्यूंकि वो हर कोने हर जगह पाया जाता है - सत् श्री अकाल.

आजकल म्यूजिक चैनल के कई विडियो को देख कर लगता है की लड़के को मिर्गी और लड़की को करंट की नंगी तार छूने की बीमारी है

मुझे कई बार आजकल के गानों के नाच देखते वक़्त अपने स्कूल की पी टी याद आ जाती है

आजकल के टीवी कार्यक्रमों को देख कर ये लगता है की उन्होंने ठान ली है की जो गन्दा और फूहड़ है वो हम बनायेंगे, बाकी फिल्मवालों को बनाने दो

मेरी गाँव की भोली भली माताजी आजकल टीवी गुड टाईम्स देखती हैं, उनकी सफाई है "पुत्तर और क्या देखूं, बहु मेरी है नहीं सास बहु सीरियल देख कर भी किसे कोसुं ?

प्रोडक्शन के पेशे में रहने के कई दोष हैं, कभी किसी निहायत खूबसूरत लड़की को देखता हूँ तो सिर्फ एक ही ख्याल आता है, भगवान् ने किस सप्लायर से इसे बनवाया होगा?

गीतकार एक अच्छे संगीतकार के बगैर ऐसा है जैसे की धागे के बगैर मोती, एक अच्छा संगीतकार ही गीतकार की मर्यादा बचा सकता है

लेखकों के साथ समस्या ये है की वो बिजली के बिल में भी कमियाँ निकालने बैठ जाते हैं