Tuesday, June 29, 2010

खोया हुआ इंसान

छयासी लाख योनियों के बाद इंसान का शरीर पाया है
फिर भी हरदम कोसता है, रूठता है, चिल्लाता है, ये क्या माया है
जहाँ गेहूं, चावल बोने थे वहां बंदूकें गोलियां बो डाली
ज़मीन देखो कैसे इसने अपने ही बहन भाइयों के खून से धो डाली
कहीं राकेट लिए उड़ता फिरता है, कहीं मंगल की ओर रुख करता है
पर अपने बगल के पडोसी का दरवाजा खटखटाने से देखो कितना डरता है
बन्दर के हाथ में माचिस की तरह इसके पास ताकत क्या आ गई
ये तो अपनी मैया को भी बाज़ार में जा बेचने से गुरेज़ नहीं करता है
कभी बाज़ारों में नकली चेहरे ओढ़ता, तो कभी फूटपाथ पर आसमान ओढ़ सो जाता है
अपने ही बनाये भूल भुलैया में अपने ही घर का पता भूल जाता है
सेहतमंद खाने तो पका लिए पर हाजमा कच्चा हो चला है
देखो पके बालों वाला इंसान कैसे नादाँ बच्चा हो चला है
टोनिक, दवाएं खूब पी पर धूप पीने से परहेज है
है साला बन्दर पर समझता अपने को अंग्रेज है
महंगे कपडे पहन जिस्म तो ढक लिया पर आत्मा नंगी ही रह गई
शराफत, इमानदारी, इंसानियत गटर में मूत बन बह गई
शहर की भीडभाड भरी सड़कों पर चिम्पांजी सा छाती पीट पीट जीत की हुँकार लगाता है
ओर शाम ढले अपने अकेले घर में पहुँच, हार कर पंखे से लटक जाता है
शाम सवेरे गिरजे, मंदिर जा मेनका बन खुदा को रिझाता है
ओर फिर शराबी रात का दरवाजा खोल किसी गुमनाम तवायफ के कोठे पर चढ़ जाता है
चलेतर, प्रपंच, कूटनीति, दिखावे की जीवन में भरमार है
देखो देखो जरा गौर से इस बन्दर को, जो मानता खुद को जमाने का सरदार है

Tuesday, June 15, 2010

नए यमराज की भर्ती

महाराज यमराज कुछ बूढे हो चले थे
बाल भी सफ़ेद हुए, साजो सामान भी कूड़े हो चले थे
रात दिन लुगाई की चक चक से परेशान थे
दिन भर आने वाली हजारों लाखों मौत की कालों से हैरान थे
बेचारा बैल भी सुबह शाम कोसता था
"कहाँ फँस गया इस कालिए के साथ", रोज ये सोचता था
दिन रात की ड्यूटी थी, भला कहाँ चैन पाते
चार पेग दारु पी रोज १२ आंसू बहा जाते
एक दिन ठान ली कि अब और नहीं सहेंगे
ब्रह्मदेव के आगे अपना दुखड़ा कहेंगे
अगले दिन ब्रह्मदेव के दरबार में उन्होने गुहार लगाई
"हेल्प मी माई लोर्ड आई एम् हेअर टू जस्टिफाई"
मृत्युलोक का मानव बहुत चालू बन गया है
मेरा प्रचंड बैल भी उसकी तेज कारों के समक्ष आलू बन गया है
मेरे पहुँचने से पहले ही काम कर जाता है
झट फ़ोन कर तुरंत अस्पताल में भर्ती हो बच जाता है
न जाने क्या क्या कर एक दम परफेक्ट रहता है
फेसबुक ब्लैकबेर्री जैसी कई मुई चीजों से हरदम एक दूसरे से कंनेक्ट रहता है
मेरे पहुँचने से पहले ही सुई ठोंक, गोली खा चंगा हो जाता है
उसकी भागती तेज कार के समक्ष मेरा बूढा बैल नंगा हो जाता है
प्लीज़`हेल्प मी माई लोर्ड, अब कोई नया यमराज बना डालो
मुझे छुट्टी दो और ये ताज किसी और को आज पहना डालो
यमराज की गुहार सुन ब्रह्मदेव बोले "तथास्तु वत्स"
"तुम्हारी पीढ़ा को मैं समझता था इसलिए मैने पहले ही ये काम कर डाला"
"तुमसे भी कुशल मैने इस बार गजब का कैंडीडेट चुन डाला"
तभी कपाट खुले और नर मुंडों की माला पहने एक प्रेत सीढ़ियों पर चढ़ा था
गौर से सबने देखा तो पाया कि वहां मृत्युलोक का नया यमराज वारेन एन्डरसन खड़ा था