Tuesday, June 15, 2010

नए यमराज की भर्ती

महाराज यमराज कुछ बूढे हो चले थे
बाल भी सफ़ेद हुए, साजो सामान भी कूड़े हो चले थे
रात दिन लुगाई की चक चक से परेशान थे
दिन भर आने वाली हजारों लाखों मौत की कालों से हैरान थे
बेचारा बैल भी सुबह शाम कोसता था
"कहाँ फँस गया इस कालिए के साथ", रोज ये सोचता था
दिन रात की ड्यूटी थी, भला कहाँ चैन पाते
चार पेग दारु पी रोज १२ आंसू बहा जाते
एक दिन ठान ली कि अब और नहीं सहेंगे
ब्रह्मदेव के आगे अपना दुखड़ा कहेंगे
अगले दिन ब्रह्मदेव के दरबार में उन्होने गुहार लगाई
"हेल्प मी माई लोर्ड आई एम् हेअर टू जस्टिफाई"
मृत्युलोक का मानव बहुत चालू बन गया है
मेरा प्रचंड बैल भी उसकी तेज कारों के समक्ष आलू बन गया है
मेरे पहुँचने से पहले ही काम कर जाता है
झट फ़ोन कर तुरंत अस्पताल में भर्ती हो बच जाता है
न जाने क्या क्या कर एक दम परफेक्ट रहता है
फेसबुक ब्लैकबेर्री जैसी कई मुई चीजों से हरदम एक दूसरे से कंनेक्ट रहता है
मेरे पहुँचने से पहले ही सुई ठोंक, गोली खा चंगा हो जाता है
उसकी भागती तेज कार के समक्ष मेरा बूढा बैल नंगा हो जाता है
प्लीज़`हेल्प मी माई लोर्ड, अब कोई नया यमराज बना डालो
मुझे छुट्टी दो और ये ताज किसी और को आज पहना डालो
यमराज की गुहार सुन ब्रह्मदेव बोले "तथास्तु वत्स"
"तुम्हारी पीढ़ा को मैं समझता था इसलिए मैने पहले ही ये काम कर डाला"
"तुमसे भी कुशल मैने इस बार गजब का कैंडीडेट चुन डाला"
तभी कपाट खुले और नर मुंडों की माला पहने एक प्रेत सीढ़ियों पर चढ़ा था
गौर से सबने देखा तो पाया कि वहां मृत्युलोक का नया यमराज वारेन एन्डरसन खड़ा था

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