Monday, September 21, 2009

मेरी अपनी रची कुछ जीवन की सूक्तियां -Part 4

जरा सोचो, ऊपर मरने जाने और नीचे जीते रहने के बीच, बस हमारी साँसे ही तो है!

जिस तरह फावडे का हर वार कुँवें को और गहरा बनाता है ठीक उसी तरह किस्मत का दिया हर घाव आपको एक बेहतर इंसान बनाता है

अगर ये धर्मगुरु और बाबा लोग सचमुच भगवान के दूत हैं तो ये धरती के बजाये स्वर्ग से राशन की खरीदारी क्यों नहीं करते ?

मैं तो तब मानू की कोई अमीर है जब वो चड्डी भी खालिस हीरे की बने पहने

ग्लेमर की दुनिया में बहुत से ऐसे व्यक्ति मिल जायेंगे जो शाम को तो क्लब में व्हिस्की पीते दिखाई देंगे और सुबह सब्जी मंडी में भाजी तरकारी खरीदते

कई बार लम्बी कार वाला चोकलेटी नहीं बल्कि वो मोटरसाईकिल वाला कल्लू बाजी मार ले जाता है, क्यूंकि इश्क दी गली विच नो एंट्री

इतना भी ऊपर मत उठो की लोग आपसे नज़रें न मिला पाएं, इतना भी नीचे न गिरो का आप किसी से नज़रें न मिला पाओ

मां बहिन और बूढी पत्नी के अलावा किसी महिला पर कभी विश्वास मत करना

हमें सारे बिल चोरों द्वारा ही भेजे गए लगते हैं

जब तक हम अपने ही अन्दर चल रहे युद्धों से नहीं जीतेंगे तो भला विश्व शांति कहाँ से लायेंगे?

सबसे पहले अपने घर को, फिर कालोनी को, फिर शहर को, फिर प्रदेश को समृद्ध करो, तभी जाकर देश समृद्ध कर पाओगे

जब घर जल रहा हो तो देश पर पानी छिड़क कर कुछ न होगा

हर कोई राजा बनने का ख्वाब तो देखता है पर सर पर मुनीम लिए बैठता है

एक तो मैं करेला ऊपर से नीमचढा, एक तो मैं शाकाहारी ऊपर से अकेला, मसलन दोनों ही प्रकार के मांस के नियमित सेवन से बिलकुल वंचित. घोर अन्याय प्रभु.

बारिश के मौसम की पीडा एक मेंडक और कुंवारे के अलावा कोई नहीं समझ सकता

शादी से पहली मिली वो शर्मो हया की मूरत शादी के बाद त्रिजटा सी क्यूँ हो जाती है?

वातानुकूलित वातावरण में बैठ कर जो युद्घ की योजनायें बनाते हैं, उनको बाहर आते ही लू लग जाती है

एक पिल्ला भी हमेशा पुचकारने वाले के आगे ही दुम हिलाता है-

पत्नी के नाखून उतने ही लम्बे होने चाहियें जितनी की मोटी आपकी खाल.

लडकियां लम्बे लड़कों को क्यूँ पसंद करती हैं? बकरा जितना बड़ा हो अच्छा ही है न

मेरी सासू माँ खाने की खरीदारी खुद करतीं हैं? जहर में मिलावट से उन्हे सख्त चिड है

मेरी पत्नी ने कल जहर खा लिया था. अभी तक बेचारा इमरजैंसी वार्ड नें भरती है

मेरी धरमपत्नी इतनी कंजूस है की मुझे चपाती की सब्जी खिलाती है.

महिलाओं का थप्पड़ जहाँ ख़तम होता है, पुरुषों का पूशार्थ वहीँ से शुरू होता है

किसी को अपने से दूर मत जाने दो, वो बहुत जल्द आपके बिना रहने का अभ्यस्त हो जायेगा

पूर्णतावादी. वो व्यक्ति जो सुबह अपने बिस्तर पर इस्त्री करता है

समाज उस औरत का नाम है जिससे आपके अवैध सम्बन्ध हैं

पकौडे और औरत बरसातों में बहुत भाते हैं

कई व्यक्ति सड़क पर चलते भी ऐसे हैं जैसे धरती पर एहसान कर रहे हों

नई बहु का घर में पाँव पड़ते ही उस घर की किस्मत तय हो जाती है.

घर में एक बुजुर्ग का होना ठीक वैसे है जैसे बरसात में आपके सर के ऊपर एक छत का होना

भगवान् तो बुल्लेट ही चलाता होगा और सारी देवियों की कारों के बम्पर उखडे होंगे

कुछ लोग इतने निराशावादी होते हैं की शादी से पहले ही तलाक का वकील कर लेते हैं

मन ही मन आपका ससुर आपको ढक्कन मानता है

ताज़ा जानकारी के अनुसार हिटलर ने खुद को गोली नहीं मारी थी, मुझे पहले ही पता था ये किसी सास का ही काम होगा

आशावादी चोर वो है जो पहले तो आपके घर चोरी करेगा और बाद में फ़ोन करके आपके चुराए गए खराब टीवी के लिए आपको गालियाँ सुनाएगा.

किसी पहाड़ पर चढाई करने से आपको अपनी औकात का पता लग जाता है

जरूरी नहीं की इतिहास सच हो, क्योंकि विजेता उसे अपनी सुविधा अनुसार बदल डालते हैं

बुद्धिमान इतिहास बदल डालते हैं, मुर्ख उसपर लड़ते हैं

बुद्धिमान युद्घ की रूपरेखा तैयार करता है, मूर्ख युद्घ में मर कर रूपरेखा ही बना रह जाता है

कई बार किसी की सोच बदलने को सालों इंतज़ार करना पड़ता है

आशावादी व्यक्ति वो है जो भूकंप को खुदा का कमर की चर्बी कम करने का उपाय मानता है

कल बम पटाखों की आवाजों के बीच कुछ पत्नियां उड़ गई होंगी तो आश्चर्य मत करना

कल पडोसी की पटाका बीवी के सामने तो कई एटम बम भी फ़ेल हो गए होंगे

हवा में उछली गेंद और महिला को लपकने के लिए सब तैयार रहते हैं

स्त्री एक पतंग होती है व पुरुष उसकी डोर, ये डोर टूटते ही सारी दुनिया उसे लपकने को भागती है

एक स्त्री व पुरुष की श्रेष्ठता उनके बच्चे ही तय करते हैं

भगवान् दुःख के टीके इसलिए लगाता है की आपके सुख चंगे हो जायें

गुलाब के फूलों की खपत देखें तो महिलाएं पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हैं

मन को हार मान लेने देना अपनी आत्मा का अपने ही सामने बलात्कार होते हुए देखने जैसा है

जीवन में जितने कम से जितना ज्यादा गुज़ारा करोगे उतने ही सुखी रहोगे

अपने बारे में उतना ही बोलो जितना जरूरी है क्यूंकि समझदार आपको पहचान जायेगा और मूर्ख को आप

बिना डोर की पतंग और खुली हुई भैंस, जहाँ जाती है लूटी ही जाती है

शेर की आवाज़ गधे सी होती तो हर चलता फिरता उसे छेड़ कर जाता

एक मेंडकी कई मेंडकऔं के ऊपर भरी होति है

शेर सा रूतबा गधा कभी नहीं बना सकता

हाथी जिसे अपनी मदमस्त चाल कहता है वही एक चींटी के लिए प्रलय है

झूठ को सच बनाने में कई शातिर दिमाग, खबर और विज्ञापन जगत, और सालों लगते हैं

कई बार जो खबर आपको दिखलाई जाती है वो आप ही को दिखलाने के वास्ते बनाईं जाती है

अगर कानून के सहारे चलोगे तो कुछ वक़्त बाद वो आपका सहारा लेकर चलना शुरू कर देगा

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