Monday, September 21, 2009

मेरी रची जीवन की कुछ और सूक्तियां -Part 2

१० मर्दों के बीच अगर एक महिला खड़ी हो जायेगी तो खुद बा खुद उनके काम करने की क्षमता बढ़ जायेगी

हर बाप को दूसरे बच्चे में अपना बच्चा नज़र आता है और हर दूसरे की बीवी में एक नई बीवी

अगर सेक्स को एक निहायत ही मनहूसियत से भरा विषय बनाना हो तो साथ में ऐड्स को घोल दो

मैने आज एक ६०-६५ साल के बूढे को एक १६-17 साल की लड़की को घूरते पाया, पर अजीब बात ये थी की उसकी आँखों में आशा की वो किरण थी जिसे देख लगता था की उसे पूरी उम्मीद थी की वो लड़की भी उसे उस ही भावना से ठीक वैसे ही घूरेगी. इसे कहते हैं जनाब सकारात्मक सोच. जीवन में मैने किसी के अन्दर इतना अति आत्मविश्वास कभी नहीं देखा

भगवान अगर है तो वो जरूर सरदार ही होगा, क्यूंकि वो हर कोने हर जगह पाया जाता है - सत् श्री अकाल.

आजकल म्यूजिक चैनल के कई विडियो को देख कर लगता है की लड़के को मिर्गी और लड़की को करंट की नंगी तार छूने की बीमारी है

मुझे कई बार आजकल के गानों के नाच देखते वक़्त अपने स्कूल की पी टी याद आ जाती है

आजकल के टीवी कार्यक्रमों को देख कर ये लगता है की उन्होंने ठान ली है की जो गन्दा और फूहड़ है वो हम बनायेंगे, बाकी फिल्मवालों को बनाने दो

मेरी गाँव की भोली भली माताजी आजकल टीवी गुड टाईम्स देखती हैं, उनकी सफाई है "पुत्तर और क्या देखूं, बहु मेरी है नहीं सास बहु सीरियल देख कर भी किसे कोसुं ?

प्रोडक्शन के पेशे में रहने के कई दोष हैं, कभी किसी निहायत खूबसूरत लड़की को देखता हूँ तो सिर्फ एक ही ख्याल आता है, भगवान् ने किस सप्लायर से इसे बनवाया होगा?

गीतकार एक अच्छे संगीतकार के बगैर ऐसा है जैसे की धागे के बगैर मोती, एक अच्छा संगीतकार ही गीतकार की मर्यादा बचा सकता है

लेखकों के साथ समस्या ये है की वो बिजली के बिल में भी कमियाँ निकालने बैठ जाते हैं

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