Saturday, September 26, 2009

चिता की लकडी

छोटा सा बीज बोया था एक दिन
पहले पौधा बना फिर पेड़
आज सालों बाद उसे काट रहा हूँ
क्योंकि तेरी याद मुझे रोज जलाती रही
पर अब तो वो भी नहीं रही
इसलिए आज तो इस पेड़ को कटना ही होगा

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