Sunday, September 27, 2009

दशहरा

रावण राम जलाये रे भैया , जनता शोर मचाये
रामलीला का हनुमान उछलेकूदे, सब पर गदा घुमाये
कोई तीर कमान लगाये
कोई तलवार तानता आये
कोई बापू जी की गोदी से बैठा हुंकार लगाये
चाट पकोड़ी धमाचोकडी डम डम बाजे गायें
कहीं भागता बन्दर तो कहीं मच्छर तान सुनाये
राम जी की आई सवारी लक्ष्मण आँख दिखाए
काले पीले राक्षस देखो सरपट भागे जायें
पीछे पीछे वानर उनके घूंसे लात जमाएं
अभी फुंकेगा रावण भैया, चलो दशहरा मनाएं
रावण की अब लगेगी लंका चलो उत्पात मचाएं

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