Thursday, July 2, 2009

दिल और दिमाग

कभी खुद से बातें कर के देखा है ?
दिल और दिमाग के द्वंद युद्घ का कभी कोई परिणाम देखा है
दिमाग से चलो तो कश्मीर फिलिस्तीन तिब्बत सा हाल पाओगे
दिल से सोचो तो जर्मनी की दीवार गिरा एक हो जाओगे
कितने ही सम्मेलन या शिखर वार्ताएं कर लो
आदमी के दुःख दर्द को समझो तभी देश चला पाओगे
संत सी सोच चलो तो कुछ कांटे तो चुभेंगे ही
चोर सी सोच में तो कांटे ही राह बन जायेंगे
महुवे से सब्जी तरकारी बना लो या फिर शराब
दिल से सोच लो या दिमाग से, दोनों की ही है अलग बात
एक गणित सी जटिल सोच बनाता है और दूसरा जटिल को सरल
दिल और दिमाग की लडाई में दोनों ही है अविरल

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