Monday, July 26, 2010

मेरी अपनी रची कुछ जीवन की सूक्तियां -5

एक सेब रोज खाने से डॉक्टर तो दूर रहता है पर कई दीवाने जरुर पास आ जाते हैं

इंसान की पैदाइश कीटाणुओं से ही हुई थी तभी वो कभी कभी अपनी औकात दिखा जाता है

सब सासें भगवान् शिव के द्वारा प्रशिक्षिक हैं, तभी वो जहर को गले से नीचे नहीं उतरने देतीं

साँसों का डी एन ए परिक्षण कराया जाये तो पता चलेगा की वो नारद मुनि के खानदान से हैं

हर सास के घर के आस पास एक सांप का बिल जरूर होगा, क्यूंकि सारे सांप साँसों से ही जहर की सप्लाई लेते हैं

सास और दामाद पुराने जनम में नेवला और सांप रहे होंगे

तन को ढकने का कपडा इजाद करने वाले को पता होगा की इंसान के रहने के लिए ये पृथ्वी छोटी पड़ जायेगी

बच्चे हमे सादगी और भोलापन सिखाते हैं और हम उन्हे उसका ठीक विपरीत

हम अपनी हर प्रतिक्रिया करने से पहले अगर कुछ आनंद ले लें तो उस प्रतिक्रिया का रूप बदल सकता है

कस्तूरी मृग को आखिरकार अपने ही अन्दर छिपी खुशबू को ढूँढते ढूँढते मरना ही पड़ता है

काम और काम, दोनों ही कार्यकुशलता की जननी हैं

जहाँ वासना का अंत होता है वहां से आध्यात्मिकता की शुरुआत होती है

ज्ञान वातानुकूलित वातावरण में नहीं बल्कि ठिठुरने और झुलसने से आता है

चाहे कितने ज्ञानी बन जाओ, आने वाली पीढी की कामुकता के आगे आपकी कुछ न चलेगी

पसीने का कोई विकल्प नहीं होता

बेवकूफी को सराहने के लिए आपका जीवन में गंभीर होना बहुत जरूरी है

आपके आस पास बहुत से चमत्कार हो रहे हैं, आंखें खोलो.

नकारात्मक तरंगों वाले स्थान को फोरन छोड़ दो

जवान की कामुकता के आगे बुड्ढे की विद्वांता फीकी पड़ जाती है

बन्दूक की उम्र किसी को मारने के बाद घट जाती है

सागर के अंहकार को लाखों मील दूर बैठा चाँद चुटकी में धुल चटा देता

लड़की और लड़के के प्रेम के बीच कई उद्योग फलते फूलते हैं

एक बम और बहते हुए लावे को मस्जिद और गिरजे का फर्क पता नहीं होता

जो पेड़ एक बनते हुए हिमस्खलन को देख हंसता है वही कुछ देर बाद उसी के भार के नीचे दब जाता है

महान वो नहीं जिसके सामने हज़ारों लोग माथा टेकें बल्कि वो है जो हज़ारों को माथा टेके

मछलियों की गुदगुदी से डर कर डूबा मुर्दा भी ऊपर आ जाता है

आज का दुर्योधन चीरहरण के सीधे प्रसारण के अधिकार अरबों में बेचता और द्रोपदी उससे आधे हिस्से का सौदा कर लेती

आपके अच्छे कर्म आपके चेहरे पर झलकना शुरू हो जाते हैं

जामों का टकराव एक नए रिश्ते या फिर एक नए सरदर्द को जन्म देता है

लालची इंसान की सबसे बड़ी पहचान उसकी मीठी जुबान और कडवी मानसिकता होती है

अगर दुःख आपके घर जम कर बैठ ही गए हों तो उन्हे ऊपर मंजिल वाला कमरा न देना

टीवी पर एक्टिंग करती सास और सामने सोफे पर बैठी बहू के बीच पति का मैच होता है

पहले अंडा आया या मुर्गी ये नहीं पता, पर उनपर बुरी नीयत रखने वाला जरूर पहले आ गया होगा

एक नए सर्वेक्षण के अनुसार ६५% पुरुष दुबारा अपनी पुरानी बीवी से ही शादी करना पसंद करेंगे. जनाब इसे कहते हैं जहर खाने की आदत पड़ जाना

एक विमान पारिचालिका के लिए अपने जीवनसाथी का चुनाव करना सबसे कठिन काम होता है

जिनके पति गूंगे बहरे होते हैं वे महिलाएं रेलवे में उध्घोषक बन जाती हैं

समय और वार्तालाप इंसानों को कितना समीप ला सकता है ये पाठ एक लम्बी रेलयात्रा के अलावा कोई और नहीं पढ़ा सकता

रेलयात्रा के दौरान बने मित्र आपको अपने घर का पता देते हैं, और विमान यात्रा के दौरान बने मित्र अपने कार्यालय का

पसीने का कोई विकल्प नहीं होता और उसके विकल्प को तलाशने वाले को खून बहाना पड़ता है

सर्दी नर और मादा को एक करने की कुदरत की एक तरकीब है

किसी मादा को वश में करना हो, तो अपने कान बंद कर लो

बच्चों की तोतली भाषा में भगवान् का शब्दकोष छिपा होता है

जवानी में आप समय को काटते हो, और बाद में वही समय आपको काटता है

एक शुन्य की विडम्बना को कोई अंक नहीं समझ पाता, वो सबको देता है पर ले नहीं पाता और सभी की हंसी का पात्र
बना रहता है

जिसने एक बार आपसे दगा किया उससे खीर खाने की कामना करोगे तो मट्ठे से भी हाथ धो बैठोगे

किसी को माफ़ करके आप खुद की निगाहों में बहुत ऊपर उठ जाते हो

ऊँचे ओहदे, ऊँचे मकान, ऊँची सोच के सामने फीके पड़ जाते हैं

किसी की कब्र के ऊपर मकान बनाने वालों को नींव में कंकालों से दो हाथ होना ही पड़ता है

ज्ञानी के अनुभवों के साथ दिक्कत ये है की वो उन्हे बाँट ही उन व्यक्तियों के साथ पाता है जो पहले से ही अनुभवी होते हैं

पराई औरत और पराया मर्द कभी भी आपके घर में सेंध तो लगा देते हैं पर बच्चों की एक किलकारी मात्र उन्हे बाहर का रास्ता दिखा देती है

ज्ञानी की कुटिया में जितना सुख है उतना मूर्ख के राजपाठ में नहीं इसलिए मूर्ख व्यक्तियों वाला स्थान तुरंत छोड़ दो

हर आह के पीछे बहुत सारी किलकारियां छिपी होती है और हर किलकारी के पीछे एक खूबसूरत रिश्ता इसलिए रिश्ते मजबूत बनाओ ताकि किलकारियां किलकारियां ही बनी रहे आंसू नहीं

सोच फूलों सी होती है पर समय के साथ साथ हम खुद ही उसमें बबूल उगा देते हैं

इतना भी न उठो के गिरो तो अपने ही वज़न से टांग तुडवा बैठो और इतना भी नीचे न रहो की कोई भी ऐरा गैरा नथु खैरा जब मर्जी धौल जमा के गुजर जाये

लड़की और कडकी, पत्नी और सौत, सास और बहु का साथ रहना उतना ही कठिन है जितना की एक खच्चर को राग भैरवी सीखना

अग्नि, भगवान्, देवी , देवताओं को साक्षी मानकर लिए गए विवाह के वचनों को तोडने वाले को सारी काएनात की बुरी नज़र लग जाती है

अरबपति से अमीर विश्व भ्रमण किया हुआ यात्री, उस यात्री से अमीर एक चंडाल, उस चंडाल से अमीर एक वेश्या होती है

बदतमीज़ महिला की चीख, मक्खीचूस कंजूस की भीख, मूर्ख कंगाल की सीख किसी के पल्ले नहीं पड़ती

चरित्र अगर किलो के भाव बिकता तो उसका वितरक आज विश्व का सबसे धनवान व्यक्ति होता

शादी शुदा मांसाहारी व्यक्तियों पर दो प्रकार के मांसभक्षण करने के लिए सरकार को उनपर दोगुना कर लगाना चाहिए

काश लक्ष्मण जी ने सुपर्न्खा की प्लास्टिक सर्जरी करवा दी होती तो ये सब टंटा ही न खड़ा होता

हर मुनि को एक मेनका जरूर मिलती है पर हर मेनका को मुनि नहीं

सम्पूर्णता मिथ्या है, और हमारे दुखों का कारण भी.

संसार में दुखों का निवारण खरबों का उद्योग है

कुछ सालों बाद मियाँ बीवी की शक्लें एक दूसरे से मिलने लग जाती हैं

जिस घर में मियाँ बीवी के झगडे नहीं होते उनके सास ससुर बोरियत से मर जाते हैं

अगर इंसान के अन्दर भी ब्लूटूथ लग जाता को कई महिलाएं बेवजह गर्भवती हो जाती

दिलफेंक बाप को अपनी बड़ी होती बेटी को देख पसीने छूट जाते हैं

हर पीढ़ी बहाने बनाने के नए तरीके इजाद कर लेती है

अगल बगल बैठे बूढे और जवान के दिमाग में ठीक एक जैसी बात रहती है, सिवाय मांसपेशियों के

अगल बगल बैठी लड़की और घरेलु महिला के दिमाग में मछली ही घूमती है, एक फंसाने के लिए, और एक खाने के लिए

शराब पी हुई महिला को हर कल्लू भी सलमान खान नज़र आता है और शराब पिए हुए मर्द को सलमान खान कल्लू

सोच को पर की नहीं प्रशंसा की प्रतीक्षा रहती है

प्रशंसा सोच के पर उगा देती है

हंसमुख व्यक्ति अकेले ही रो पाते हैं

संडास में बैठे लडके और ब्यूटी पार्लर से आती लड़की की सोच में मछली बाज़ार और शौपिंग माल का अंतर होता है

पेड़ से गुलाब तोडते लडके का इरादा अगर फूल पहले जान लेता तो लड़की के होंठों पर न बसता

घर आये माली और घर आयी साली को देर से घर भेजने के लिए सब काम में उलझा कर रखते हैं

उधार में जीने वाला व्यक्ति शहर की चोर गलियाँ सबसे पहले पता लगा लेता है

कम वस्त्र पहन जाती लड़की को देखने वाले आंधी आने की प्रार्थना करते हैं

लोग आजकल कपड़ो के साथ साथ दिमाग भी उतारने लग गए हैं

फूले गुब्बारे और मचलती मादा को हर कोई सुई चुभोने को तैयार रहता है

सौ चूहे खाए हुई हज जाती बिल्ली मक्का तक नहीं पहुँचती

धर्म अँधा होता है और ये धार्मिक पर निर्भर है की वो बहरा बने या गूंगा

पुरानी शराब और पुरानी पत्नी बहुत जल्दी चढ़ जाती है

दूसरे की नौकरी और दूसरे की छोकरी छीनने वाले के पास पुरानी फाइलें ही हाथ लगती हैं

गर्भवती स्त्री के पेट, एक महिला की सुन्दर पुरुष से होती भेंट देख हर महिला ठंडी सांसें छोडने लगती है

अपनी क्षमताओं को कभी मत नापो, उस फीते को खरीदने में कुल बिक जायेंगे

नादानी गर्भवती महिला के पेट पर आयोडेक्स मलना है और मूर्खता उसे सुई चुभाना

घर में घुसे हिजडे, और घर में घुसी रखैल कुछ ले कर ही जाती है -

हब्बल टेलिस्कोप में महिला की आँख व कान लग जाते तो ब्रह्माण्ड के सारे राज अब तक खुल जाते

घर आई सुन्दर साली और प्रशंसा में बजी ताली हर एक को अच्छी लगती है

अगल बगल बैठी लड़की और घरेलु महिला के दिमाग में मछली ही घूमती है, एक को फंसाने के लिए, और दूसरी को खाने के लिए

अंगूर की बेटी अगर कई टूटे दिलों को ना सींचती तो अब तक दुनिया से रूमानियत का बागीचा गायब हो गया होता

रूमानियत की फितरत है की वो उन्ही से निकाह करती है जिनका दिल सोने का होता है

प्यार दिल से करो, दुश्मनी दिमाग से, धंधा दिल और दिमाग से, और अगर फिर भी कुछ समझ न आये तो एक बार अंगूर की बेटी का दरवाजा खडखडा दो.

सवाल ये नहीं है की आपको कितने लोग जानते हैं, सवाल ये है की आप अपने को कितना जानते हो

आपको छोडने वाला बुरी पसंद से पीड़ित है इसलिए उसे भूल जाओ

आज के युवा तकनीक के समान हैं, उनके साथ नहीं रहोगे तो पीछे छूट जाओगे

मजबूत रिश्ते टेलीफ़ोन की तारें नहीं बल्कि हाथ और गले मिलने से बनते हैं

लड़कियों को अपने सपनो का राजकुमार तो नहीं पर उसका मुनीम जरूर मिल जाता है

जब तक एक लड़की को समझ आता है कि सचमुच मर्द होता क्या है तब तक वो मर्द किसी और से शादी कर लेता है

ऐसा चरित्र बनाओ की कोई अकेली लड़की अपने को आपके पास सुरक्षित महसूस करे पर ऐसा भी न बनाओ की वो लड़की
अगले दिन आपको ढक्कन समझ किसी और को पसंद कर ले

एक दिमाग नींव खोदने के बारे में सोचता है वहीँ दूसरा दिमाग नींव खोदते खोदते उस कारखाने को खरीदने की सोचता है, दूरदर्शिता और आम सोच में यही फर्क है

बुरा वक़्त बता कर नहीं आता इसलिए उसके स्वागत के लिए एक तिजोरी अलग से बना लो

अपने अन्दर प्रेम करने की इतनी क्षमता रखो कि घृणा आपको देख घूंघट ओड ले

अपने वजूद के लिए लड़ना पडे तो सुई से लेकर तलवार, इन सबका इस्तेमाल करो

सीधे सच्चे वृक्ष पर ही कुल्हाड़ी मारी जाती है, इसलिए इतने भी सीधे न बनो कि कोई चुपके से च्यूंटी काट जाये

घर में छुपे दुश्मन से खतरनाक कोई और नहीं हो सकता, इसलिए उसे दूरबीन से नहीं पास के चश्मे से ढूँढो

दूसरों को हँसाना एक कला है जो बहुत आंसू पीकर ही सीखी जाती है

जिंदगी की पहली जमात में पढने वालों को मोहब्बत के मायने लोगों को नहीं समझाने चाहियें

मोहब्बत दाल नहीं बल्कि खीर है, जितना समय पकने में लगाएगी उतनी ही गाढ़ी और मीठी होगी

शादी के तुरंत बाद मौका ए वारदात के सबूत झट से मिटा दिए जाते हैं

परिवर्तन शर्मीला होता है इसलिए वस्त्र पहन कर ही निकलता है, बुराई ठीक उसके विपरीत नंग धडंग होकर झट से बाहर निकल आती है

चरित्र को कमाने में जीवनकाल बीत जाता है और बदनामी कमाने में सिर्फ एक क्षण

पुत्रियाँ सिर्फ भाग्यशाली व्यक्तियों के ही घर जन्म लेती हैं, जिस घर में बेटियाँ रहती हैं वहां कुबेर अपना खज़ाना खोल देते हैं

पुत्रियों के आने से पिता दीर्घायु हो जाते हैं

जिस घर में बेटी जन्मती है वहां अन्नपूर्णा कभी भोजन की कमी नहीं होने देती

बेटियों के पिता इसलिए भी ज्यादा स्वस्थ मिलेंगे क्यूंकि वे उनके प्रेमियों को भगाने दौड़ाने में काफी ऊर्जा निकाल देते हैं और सदा जवान रहते हैं

अँगरेज़ का सूट, फौजी का बूट, सरदार का पूत और यू पी का ऊत, हर परिस्तिथि में एकदम तत्पर पाए जाते हैं

तोले भर शर्म धडी भर बेशर्मी से कहीं अधिक आदरणीय होती है

मुसीबतें एक फूहड़ सी हास्य कलाकार हैं जो लोगों को हंसा नहीं पाती

बेटियों वाले मां बाप का जीवन रोमांच से भरपूर होता है , बेटियों के बॉय फ्रेंड उन्हे जीने नहीं देते, और बेटियाँ उन्हे मरने नहीं देतीं

किसी घर में तुलसी का पौधा हो न हो पर अगर उस घर में एक बेटी है तो वो घर स्वतः ही पवित्र हो जाता है-

शादी एक पहली ऐसी दुर्घटना है जहाँ मौका ए वारदात पर सब दावत उड़ाते हैं

औरतों के भावनात्मक मल्ल युद्ध में लंगोट पुरुष की ही फटती है

जब किसी घर में आग लगी होती है तो सारे दुश्मन वहां हाथ सेंकने पहुँच जाते हैं

किसी के बसे घर को उजाडने वाले के पृथ्वी पर कहीं भी बसने के अधिकार कुदरत तुरंत निरस्त कर देती है

दुश्मनी चतुर दुश्मन से हो तो लड़ाई का मज़ा दोगुना हो जाता है वरना आप उबासी लगाते लगाते ही मूर्ख दुश्मन से जीत जाते हो

महिलाएं अगर दमकल अधिकारी होतीं तो सैकड़ों घर अपनी साज़ सज्जा के चक्कर में फूँक डालती

रूठी सास को मनाने के लिए शैतान की सिफारिश लगनी पड़ती है

विपदा एक सौतन के सामान है, जरा सा ध्यान हटाया नहीं कि तुरंत घर आ धमकती है

सौतन एक वो स्टेपनी है जो पत्नी रुपी पाने द्वारा झट से खोल फ़ेंक दी जाती है

इश्क का धुंआ अगर शादी के बाद उठे तो दमकल बनी बीवी पूरे शहर का पानी इश्किये पर छिड़क डालती है

बुद्धिमान की लड़ाई हाथ से नहीं कागज़ से शुरू होती है और कागज़ पर ही ख़त्म हो जाती है

इंसान ही समस्या पैदा करता है और इंसान ही उसका निवारण, कुदरत तो सिर्फ चुटकी लेती है

आपके पडोसी व मित्र १०० नंबर वालों से पहले आपके पास पहुँचने की क्षमता रखते हैं, उनसे हमेशा बना कर रखिये

मेरे देश का कानून नपुंसकता से नहीं बल्कि शीघ्रपतन से पीड़ित है

शिवजी का नया नाम शिवेंग त्से ज़ेओंग, पार्वती जी का नया नाम पर्वातिंग शुआन त्सोंग, गणेश जी का नया नाम गनेशेंग हुवें हुवों, गणेश जी के मूषक का नया नाम चुहेंग चुहांग चुहेंग्लाई! भगवानों ने भी नामकरण नया करवा लिया क्यूंकि कैलाश मानसरोवर चीन ने जो हथिया लिया

जमीन जायदाद की लड़ाई में जीत वकील की होती है

कहते हैं दीवारों के भी कान होते हैं तो शर्तिया दीवार भी जरूर औरत ही होगी

मूर्ख बुजुर्ग के आस पास मुहं में चीनी घोले कुछ चतुर बैठ जायें तो समझ लो बुड्ढे की लंका लगने वाली है

सच्चाई की जबान नहीं होती, पर उसका यौनाकर्षण इतना जबरदस्त होता है कि झूठ उसे नग्न देखते ही स्खलित हो जाता है

अगर मर्दों को मासिक धरम होता तो लड़ाई के मैदान में ये पता लगाना मुश्किल हो जाता कि ये खून उन्ही का है या दुश्मन का

छिछले समंदर की लहरों को देख ये अनुमान कभी मत लगाओ कि आप उसमें डूब नहीं सकते

मूर्ख बूढे के अगल बगल अगर मुह में चीनी घोले चतुर बैठ जायें तो समझो बूढे की लंका जल्द लगने वाली है

चरित्र ही एक ऐसी चीज़ है जिसे धुलाई की आवश्यकता नहीं होती, बस कभी कभी इस्त्री जरूर मारनी पड़ती है

जीवन के पाठ्यक्रम की पुस्तकें हमें हर अपने जीवन में आने वालों से प्राप्त होती हैं

फूल की उम्मीद लिए फूला हुआ मुहं लेकर किसी के पास जाओगे तो फूल नहीं बल्कि बिच्छू घास मिलेगी

इर्ष्या महत्वाकांक्षा को जनम तो दी देती है परन्तु प्रसव पीढ़ा से उसकी वाट लग जाती है

हस्त मैथुन कुदरत का ईजाद किया पहला ब्लूटूथ है

अत्यधिक कामुक व उत्तेजित प्रविर्ती के लोग जल्द ही वीर्यगति को प्राप्त हो जाते हैं

जवान अपने उबलते शुक्राणुओं में उबाल से परेशान व बूढा अपने शुक्राणुओं में उबाल लाने को परेशान रहता है

जानवर इंसान के बनाये चिड़िया घरों, सर्कसों और उसके घरों तक पहुँच गए, पर इंसान अभी तक सम्भोग के विषय पर
किताबें पढता है और वहीँ लटका पड़ा है

हम सब कस्तूरी मृग की तरह हैं, न जाने किन किन आवाजों के पीछे भागते फिरते हैं, आखिरी वक़्त पर ही समझ आता है कि वो सब तो हमारी अपनी ही अंतरात्मा की आवाजें थीं

घोड़ी पर सवार दुल्हे के आसपास नाचते लोगों को देख ऐसा नहीं लगता जैसे आदमखोर आदिवासी खम्बे से बंधे इंसान को खाने से पहले देख नाचते हैं ? जरा कल्पना कीजिये

शराब और शबाब में अंतर ये है कि पहली दर्द को डुबाती है और दूसरी उसे लाइफ जाकेट पहना देती है

थुलथुल हुई पत्नी अपने मायके कम जाती हैं, और जाती भी हैं तो तीर की गति से वापस लौट आती हैं

परमात्मा आपके पदक देख नहीं अपितु आपके छाले और माथे की झुरियां देख अधिक प्रभावित होगा

ढक्कन सिंह किसी कामोतेजित स्त्री के आगे पड़ जाये तो समझता है कि महिला को मिर्गी का दौरा पड़ा है

आप वर्तमान के मित्रों से कैसे मिले, उन्हे किसने आपसे मिलवाया, और वो आपसे कैसे मिले, अब वो कहाँ हैं, फुर्सत में जरा सोचो तो आपको समझ आयेगा कि उनका किरदार सिर्फ वहीँ तक तय था

चाहे आप इस विश्व के कितने ही ताकतवर व्यक्ति हो पर ब्रह्माण्ड के आगे आप इतने तुच्छ हैं कि आपकी गिनती कीटाणुओं में भी नहीं आती-

प्रेम उस श्वास की तरह है जिसे आप रोजाना सैकड़ों बार लेते हो, पर पानी में डूबते वक़्त ही आपको उसका असली मूल्य समझ में आता हैं

पृथ्वी पर पहले नारी ही जन्मी थी, तभी तो सारे देवता स्वर्ग में भाग खडे हुए थे

कहते हैं कुंग फू की उत्पत्ति बौध भिक्षुओं द्वारा की गई थी, छोड़ी हुई बीवियां अगर सन्यासी भी न बनने दें तो बंदा हाथ पाँव चलाना तो सीखेगा ही ना

खुदा के किस्मत बाँटते वक़्त शैतान ने भी मैखाना खोल दिया था, यही कारण है कि कुछ लोग अभी तक नशे में हैं और ख्वामखाह खुदा को बदनाम करते हैं

आपकी हर योजना के पीछे नीयति के अट्टहास होते हैं

आग उगलती नारी को देख ड्रैगन भी प्रशिक्षण हेतु आवेदन पत्र लिए दरवाजे पर खड़े हो जाते हैं

लंगडे व्यक्ति के लिए हर पग एक भूकंप है

किसी बच्चे को जन्म देने के बाद ही इंसान को जीवन के सूक्ष्म किवाड़ नज़र आते हैं

पहला कुल मेहनत मजदूरी कर सम्पदा अर्जित करता है, दूसरा कुल उसका बंटवारा करता है और तीसरा कुल उसे खा चबा जाता है, यही अबतक का कुदरत का अपने को संतुलित करने का तरीका है

संडास ही एक ऐसा स्थान है जहाँ हर इंसान चाह कर भी वास्तविकता से दूर नहीं हो पाता

जो व्यक्ति जीवन को रंगीन चश्में से देखते हैं उन्हे जल्द ही मोतिआबिन्द कि शिकायत हो जाती है

दुष्ट को नींद ना आना उसकी नीयति है , यही कारण है कि वो भले मानस की चैन की नींदों में से कुछ झपकियाँ चुरा लेता है -

खाली दिमाग में अगर शैतान घर बसाने से चूक जाये तो औरत तुरंत वहां अपनी चारपाई बिछा डालती है -

कितनी अजीब बात है, जिन व्यक्तियों के पीछे हम अपने जीवन के सबसे खूबसूरत क्षण बर्बाद कर देते हैं, हम अक्सर उन्ही को याद किया करते हैं

रुमाल, कलम और खूबसूरत प्रेमिका किसी के पास ज्यादा समय तक नहीं रहते

अपने को ऊँचे वर्ग का मानना ठीक वैसा ही है जैसे कि अपने लिंग को सोने से मंडवा देना और फिर ये अपेक्षा करना कि
जहाँ भी आप मूत्र विसर्जन करोगे वहीँ पर सुनार की दूकान खुल जाएगी

मोनालिसा तस्वीर बनवाते वक़्त ये सोच कर मुस्कुरा रही थी " साला कितना ढक्कन है, इतनी खूबसूरत लड़की सामने खड़ी है और ये करमजला कुछ और चलाने के बजाये कूची चला रहा है"

जानवर इंसान के बनाये चिड़िया घरों, सर्कसों और उसके घरों तक पहुँच गए, पर इंसान अभी तक सम्भोग के विषय पर किताबें पढता है और वहीँ लटका पड़ा है

ढक्कन सिंह किसी कामोतेजित स्त्री के आगे पड़ जाये तो समझता है कि महिला को मिर्गी का दौरा पड़ा है

प्रेम उस श्वास की तरह है जिसे आप रोजाना सैकड़ों बार लेते हो, पर पानी में डूबते वक़्त ही आपको उसका असली मूल्य समझ में आता हैं

पृथ्वी पर पहले नारी ही जन्मी थी, तभी तो सारे देवता स्वर्ग में भाग खडे हुए थे

शैतान के वकील की भी औरत से फीस मांगने पर पतलून गीली हो जाती है

बौने व्यक्ति को ही पता होता है कि आपकी चड्डी का रंग क्या है इसीलिए कहा है किसी को छोटा मत समझो

कर्मठ जले हुए घर की राख से भी गारा बना एक झोंपड़ा तुरंत बना डालता है वहीँ मूर्ख आलसी राख मल चिमटा बजा भगवान् के आगे हाय तौबा मचाने लगता है

बूढा होने पर व्यक्ति इसलिए धार्मिक बन जाता है क्यूंकि दूर से आती यमराज के बैल की टापों की आवाज़ से उसकी फट लेती है

कोशिश करो की अपनी पीढ़ा को सुन्दर से वस्त्र पहना उसका श्रृंगार कर दो, सजी सजाई दुल्हन हर किसी को भाति है और उसके रोने को लोग स्वाभाविक समझते हैं

एक युवा अगर एक उम्र्जदा पुरुष से उसका अनुभव व तीक्ष्ण बुद्धि, एक औरत से उसकी स्थिरता व वाकपटुता और एक वृद्ध से उसकी सरलता व गंभीरता सीख ले तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता

कई बार कौवे को हंसों के साथ रहते रहते ये गलत फ़हमी हो जाती है कि वो भी सफेदपोश है, परन्तु मल का ढेर उसका भांडा फोड़ ही देता है

शादी का लड्डू जरूर किसी किन्नर ने ही बनाया होगा, तभी तो इंसान उसे खाकर न उन्नीस में रहता है और न बीस में

हमारे खुद के घरों में हीरों की खान होती है और हम जगत से चिल्लर मांगते रहते हैं

कुदरत से प्यारा आलिंगन कोई और नहीं दे सकता, अगर विश्वास न हो तो अकेले कभी किसी पहाड़ के किनारे दोनों हाथ खोल खड़े हो जाओ और फिर देखो कैसे कुदरत सैकड़ों हवाएं आपको आगोश में लेने को तुरंत रवाना करती है

चिंतन व मंथन पर कार्यवाही न करना ठीक वैसा ही है जैसे एक खूबसूरत महिला के कपडे उतार उसके शरीर को सहलाना पुचकारना और जब वो ऊतेजित हो जाये तो उसे ये बताना कि आप समलैंगिक हो

जियो तो कुछ इस तरह से कि अगर कभी पीछे मुड़कर देखना पडे, तो लोग हाथों में फूलों की माला लिए नज़र आयें, न कि तलवार और बल्लम

जब आप किसी भले इंसान का दिल तोडते हो तो दूर अन्तरिक्ष में एक तारा, आखिरी सांसें ले अपना दम तोड़ देता है

हर बच्चा पंखों समेत ही पैदा होता है पर हमारे द्वारा किये गए हर पाप के एवज में उसके पंख झडते चले जाते हैं

सच्चा प्रेम खानाबदोशों की तरह होता है जो कहीं नहीं बसता, वो बस हमारी जिंदगी में कुछ पल रस घोलने को आता है और फिर किसी और के जीवन में मिठास भरने को निकल पड़ता है

प्रेम की मासूमियत अगर देखनी है तो बादलों को देखो, जो प्यासी धरती के लिए हज़ारों मील दूर समंदर से अपने चुल्लू में पानी भर लाते है और बारिश बन बरस उसकी प्यास बुझा खुद मिट जाते हैं

चिड़ियों की चेहचाहट, नदियों की कल कल, हवाओं की सरसराहट में हजारों भजनों की मिठास छिपी होती है

कहते हैं ध्वनि तरंगें कभी नहीं मरतीं, अगर हम सब ऐसे ही रोते धोते रहेंगे तो आज से हजारों साल बाद कोई परजीवी हमारी आवाजें सुन कर कहेगा "अच्छा हुआ साले मर गए"

मंदिर में खडे हो भजन करने व चढ़ावा चढ़ाने वाले से कहीं ज्यादा उच्च वो व्यक्ति है जो बाहर बैठे किसी गरीब को दो जून की रोटी नसीब करवाता है

एक पुल से गुजरते हर राही को ये आभास जरूर होना चाहिए कि उससे बहुत पहले कोई यहाँ से गुजरा था और दूसरे लोगों के लिए राहें आसान बना कर ख़ामोशी से चला गया

प्रेम वो खूबसूरत शब्द है जो शादी में घुलने के पश्चात अपशब्द में तब्दील हो जाता है

चींटियाँ हमसे ज्यादा अच्छी हैं, कम से कम एक दूसरे से रुक कर राम राम तो करती हैं

जिस तरह कई मेंडको को चूमने के बाद ही किसी लड़की को अपने सपनों का राजकुमार मिलता है उसी प्रकार कई राजकुमारियों को चूमने के बाद ही लडके को शादी के लिए एक मेंडकी टकरती है

अँगरेज़ काम का हिसाब हर घंटे को लेकर करता है और भारतीय उसे घंटे पर लेकर करता है

जब तक हमे जिंदगी के असली मायने समझ में आने लगते हैं जिंदगी अपने सवाल ही बदल डालती है

पहली ही नज़र में किसी को भी पसंद करने वाले क्या फल सब्जियां भी बिना कीडे देखे खा डालते हैं ?

दो इंसानों के हाथों के मिलने से जो पुल बनता है, उस पुल पर से गुजर कर संसार की हर समस्या को सुलझाया जा सकता है

सबसे शर्मनाक है अपने चरित्र को खोना, और उससे भी अधिक शर्मनाक है, उस अभिशाप को अपनी दूसरी पीढ़ी को सौंप देना

समाज वो संस्था है जो पहले नंगों को वस्त्र बांटती है और फिर उनपर कीचड उछाल कर उन्हे सबके सामने नंगा होकर धोने की अपेक्षा रखती है

अगर आप रात को बिना नींद की गोलियां लिए चैन की नींद सोते हैं तो आप संसार के सबसे अमीर और खुशहाल व्यक्ति हैं

नेता और अभिनेता में फर्क ये है कि एक हमसे पैसा लेकर नाचता है और दूसरा हमसे पैसा लेकर हमे ही नचवाता है

कोशिश करो की अपनी पीढ़ा को सुन्दर से वस्त्र पहना उसका श्रृंगार कर दो, सजी सजाई दुल्हन हर किसी को भाति है और उसके रोने को लोग स्वाभाविक समझते हैं

हर महिला/युवती का घिसा पिता संवाद होता है कि उन्हें/उसे हंसोड़ पुरुष पसंद आते हैं, अगर इस तथ्य में जरा भी सत्य होता तो अब तक जोकरों का अकाल पड़ गया होता

कुछ लोग पुलों को पार करने के बाद फूँक डालते हैं, शायद ये सोचकर कि कोई और उसी रास्ते आ उनकी मंजिल न पा ले, पर शायद वो भूल जाते हैं कि दीवानगी के पंख भी होते हैं

आदम और हौवा के बच्चे ने ही उन्हे हँसना सिखाया होगा

कुदरत अगर इंसानों की भी सहवास करने की कोई ऋतू बना देती तो उन महीनों चारों तरफ बम गोले फूट रहे होते

इंसानों ने कपडे पहनने इसलिए नहीं शुरू किये थे कि उन्हे शर्म आती थी बल्कि इसलिए क्यूंकि दूसरे गृह के वासी अपनी उड़नतश्तरियों से उनके गुप्तांगों को फल समझ कर झपट्टा मारा करते थे

यमराज के बैल की धीरे धीरे पास आती टान्पों की आवाज़ सुन ठरकी बुड्ढा फटी में मंदिर की ओर दौड़ पड़ता है और वहां पहुँच भक्त बन बेसुरी भेंटें गाने लगता है

कर्मठ जले हुए घर की राख से भी गारा बना एक झोंपड़ा तुरंत बना डालता है वहीँ मूर्ख आलसी राख मल चिमटा बजा भगवान् के आगे हाय तौबा मचाने लगता है

इंसान की सबसे बड़ी दयनीय स्तिथि वो है जब वो सफलता पाकर पीछे मुड कर देख ये पाता है कि उसके साथ और कोई नहीं है

अगर मुसीबत रखने का कोई गोदाम होता तो उसका मालिक बिल गेट्स से भी अधिक अमीर होता

नारी देश को बदल सकती है (अगर उसको साडी बदलने से फुरसत मिले तो )

परमात्मा ने औरत बनाते समय शराब पी ली होगी, तभी वो ऊँची एड़ी वाले सैंडल पहन शराबियों सी चलती है, बहुत ज्यादा बोलती है, हर वक़्त सरदर्द की शिकायत करती है, नई गाडी ठोक देती है और हृदय रोग लगा देती है

हम सबका एक ही परमात्मा है, अगर अलग अलग परमात्माओं ने हमे बनाया होता तो किसी का मुहं पिछवाडे में होता और किसी का निचला अगवाडा माथे पर

शाम की सुरा ही आपकी असली औकात बताती है और भोर का सरदर्द आपकी जिंदगी की

शादी का नाम सुनते ही लड़की के गालों पे लाली, लडके की आँखों में हरियाली, लड़की के बाप के दिमाग में महाकाली और प्रेमी लड़के के बनिए बाप के मुहं में गाली आ जाती है

कुदरत ने कामवासना के साथ साथ ज्ञान वासना भी उतने ही अनुपात में इंसान के अन्दर भरी होती तो हर इंसान पुस्तकें पढते पढते बच्चे पैदा करता

शादी का अविष्कार करने से पहले ब्रह्माजी ने जरूर शैतान को खाने पर बुला इस विषय पर सलाह ली होगी
प्यार मोहब्बत कुछ नहीं बस दो शरीरों में मची दिल ओर दिमाग के बीच की राजनैतिक उथल पुथल है जिसमें बेचारे दिल की कड़ी हार के बाद जमानत जब्त हो जाती है

कुदरत ने इस पृथ्वी पर सबके लिए खाने को अन्न व पीने को जल मुहैया कराया था, समस्या तब हुई जब इंसान ने अन्न त्याग कुक्कड़ पकड़ लिया और पानी का सोडा बना कर दारू में डाल गटक लिया

हर आशिक अगर अपनी माशूका को चाँद तोड़ कर देता तो अब तक चाँद ब्लैक में बिकना शुरू हो चुका होता
घर में ९० साल का बूढा भी हो तो भी वो परमात्मा से अधिक शक्तिशाली होता है

1 comment:

dev said...

मित्र, लगभग 28 - 30 वर्ष हो गए हमें मिले हुए...एक लम्बे अरसे बाद आकस्मिक तुम्हें देखकर पुरानी यादों में खो गया....facebook पर तुम्हें देखा....समझा...बिलकुल भी नहीं भटके...तुम्हारी सोच, तुम्हारे विचार और परिपक्व हो कर तुम्हारी रचनाओं में झलकते हैं....अच्छा लगा.....रचनाकार के रूप में तुम्हारा स्वागत करता हूँ...शुभकामनाएँ..........