Wednesday, August 8, 2012

मुस्सदी

कसाब और अजमल को फांसी कभी ना होगी
अब एक नयी रानी झांसी की कभी न होगी
नहीं होगा पैदा कोई चन्द्र शेखर आज़ाद
अब न होगा कोई अन्याय के विरुद्ध फसाद
क्यूंकि अब एक नयी फसल उग आई है
इनकी सोच सच में बड़ी हवा हवाई है
ये पल भर में बिल गेट्स बन जाना चाहते हैं
इन्हें घंटे में पके भोजन से ज्यादा २ मिनट मैगी नूडल भाते हैं
ये प्यार बस जरूरत के लिए करते हैं
इन्हें वादे और रिश्ते बहुत अखरते हैं
वैसे तो ये भी देशभक्ति का नारा गाते हैं
पर इनके नारे सोशल नेटवर्किंग साइटों तक ही सिमट जाते हैं
फक यू, डैम यू, डूड वाट्स अप, आल इज कूल की भरमार है
मेरे देश के युवा के पिछवाडे के नीचे आज एक महंगी बाइक और कार है
कसूर तो हम जैसे कुछ मुसद्दियों का भी है
सफेदपोश बने कुछ फिसड्डीयों का भी है
पैसा तो कमा लिया पर औलाद को सींचना भूल गए
जेबखर्चा दे दिया पर उन्हें अपनी बांहों में भींचना भूल गए
अभी भी वक़्त है इनके जीवन में कुछ जज्बा बो दो
इससे पहले ये रोयें तुम ही इनके आगे झुको और रो दो
नयी फसल खुद ही देखना लहलहा जाएगी
फिर से एक दिन हमारे देश में क्रांति आ जाएगी

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